ऐसे लोगों के अतिरिक्त जिन्हें
पवित्र आत्मा का निर्देश और अगुवाई प्राप्त है, कोई भी स्वतंत्र रूप से जीवन जीने में सक्षम नहीं है, क्योंकि उन्हें परमेश्वर द्वारा इस्तेमाल किए गए लोगों की सेवकाई और उनके मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, परमेश्वर हर पीढ़ी में अलग-अलग लोगों को खड़ा करता है, जो उसके कार्य के लिए कलीसिया के मार्गदर्शन के लिए व्यस्त और कार्यरत रहते हैं। कहने का अर्थ यह है कि परमेश्वर का कार्य उन लोगों द्वारा होना चाहिए जिन पर वह
अनुग्रह करता है और जिनको वह प्रमाणित करता है; पवित्र आत्मा को कार्य करने के लिए उनके भीतर के उस भाग का इस्तेमाल करना चाहिए जो उ
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