दो साधारण भाई व बहन, बीजिंग
15 अगस्त, 2012
मेरे लिए 21 जुलाई 2012 सबसे अविस्मरणीय दिन था, साथ ही साथ मेरी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दिन भी।
उस दिन, बीजिंग में फांगशान जिले में भारी बारिश हो रही थी, सबसे भारी बारिश जो हमने इकसठ सालों में वहां देखी थी। शाम 4 बजे के थोड़ी देर बाद, मैं यूं ही नज़र डालने के लिए सड़क की ओर गया और देखा कि सब ओर पानी था। हमारी परिवार की कार पहले ही बह रही थी, लेकिन वह अभी तक बह कर आगे नहीं गई थी तो इसका एकमात्र कारण यह था कि इसके सामने कुछ था जो इसे आगे बहने से रोक रहा था। इस नजारे ने मुझे बहुत चिंतित कर दिया, तो मैंने जल्दी से अपने पति को बुलाया, वह भी एक विश्वासी हैं, लेकिन मै
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ली जिंग, बीजिंग
7 अगस्त, 2017
उस दिन, सुबह से बारिश होना शुरू हो गई थी। मैं एक भाई के घर में सभा में गई थी, इसी दौरान बारिश अधिक से अधिक तेज होती जा रही थी। दोपहर तक यह ऐसे बरसने लगी जैसे सीधे स्वर्ग से ही गिर रही हो। हमारी सभा के खत्म होने के समय तक, बारिश का पानी मेरे भाई के बरामदे में घुस गया था, लेकिन चूंकि मैं अपने परिवार के लिए चिंतित थी, इसलिए मैं अपने घर की ओर जाने के लिए संघर्ष करने लगी। आधे रास्ते तक पहुंचने पर, कुछ लोग खतरे से निकलकर भागते हुए मेरे पास आए और कहा, "क्या तुम भाग नहीं रही हो, क्या तुम अब भी घर जा रही हो?" जब मैं घर पहुंची, तो मेरे बच्चे ने मुझसे कहा, "क्या बाढ़ आपको बहा नहीं ले गई?" तब ही मुझे पता चल
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वैंग लैन, बीजिंग
6 अगस्त, 2012
21 जुलाई 2012 को, साठ वर्षों में सबसे बड़ी बाढ़ ने हमारे गांव को तहस—नहस कर दिया। यह आपदा स्वर्ग से गिरी थी, बाढ़ के पानी में मिट्टी और पत्थर मिश्रित थे एवं इसने पूरे गांव को तबाह कर दिया था। अधिकांश घरों को पानी व कीचड़ के भूस्खलन ने नष्ट कर दिया था।
उस दोपहर पांच बजे के बाद, बारिश बहुत ही भयंकर हो रही थी। हमारे घर के ऊपर से बाढ़ का पानी और बड़े पत्थर बरस रहे थे, और हमारे घर के सामने व पीछे बाढ़ का बहुत पानी था। वे हजारों मुर्गियों के साथ मेरी बेटी के मुर्गियों के दरबे को बहाकर ले गए, वे सुअर के बाड़े को बहाकर ले गए, और सुअरों को भी। पानी हमारे घर से ऊपर बस बहने ही
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