जब अनुग्रह के युग में परमेश्वर देहधारी हुए, तो यह देहधारण एक यहूदी पुरुष के रूप में था, तो अंत के दिनों के परमेश्वर एक एशियाई व्यक्ति के रूप में क्यों प्रकट हुए हैं?

परमे ... Read more »

Category: सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य | Views: 58 | Added by: shixinshiyi1234 | Date: 2020 June 05 | Comments (0)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

"फिलिप्पुस ने उससे कहा, 'हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे, यही हमारे लिये बहुत है।' यीशु ने उससे कहा, 'हे फिलिप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है। तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा? क्या तू विश्‍वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ... Read more »


मैं यह नहीं समझ पाया कि अगर चमकती पूर्वी बिजली ही सच्चा मार्ग है, तो सीसीपी सरकार उसका इतना घोर विरोध क्यों करती? धार्मिक अगुआ भी क्यों इस कदर उसकी निंदा करते? ऐसा नहीं है कि सीसीपी की सरकार ने पादरियों और एल्डर्स पर अत्याचार न किये हों। लेकिन जब चमकती पूर्वी बिजली की बात आती है, तो परमेश्वर की सेवा करनेवाले पादरी और एल्डर, सीसीपी सरकार जैसा नज़रिया और रवैया कैसे अपना सकते हैं? भला इसकी वजह क्या है?


        Don’t let the incorrect understanding delay our salvation. An undeniable fact: Although our sins have been forgiven through our faith in the Lord, we often still lie and are jealous of others, reveal arrogance and other corrupt dispositions, fail to put the Lord’s word into the practice. Some people worry about whether they, in such a state, can enter the kingdom of heaven. Some other people think that when the Lord returns in the last days, they would instantly change their images and be lifted into the kingdom of heaven and no longer worry about the issue of committing sins. Is that really the fact, though? Does this viewpoint accord with the truth? Click on the link and read the article, क्या यीशु मसीह के आगमन पर हमारे रूप फ़ौरन बदल जायेंगे और हम स्वर्गिक राज्य में प्रवेश करेंगे? Don’t let the incorrect viewpoints delay our salvation.< ... Read more »


अगर प्रभु यीशु स्वयं परमेश्वर हैं, तो ऐसा क्यों है कि जब प्रभु यीशु प्रार्थना करते हैं, तो वे परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं। यहाँ निश्चित रूप से एक रहस्य है जिसे उजागर करना जरूरी है। हमारे लिए चर्चा करें।

उत्तर: प्रभु यीशु द्वारा अपनी प्रार्थनाओं में स्वर्ग के परमेश्वर को पिता कहे जाने में सचमुच रहस्य छिपा है। जब परमेश्वर देहधारण करते हैं, परमेश्वर की आत्मा शरीर में छुपी रहती है, शरीर स्वयं भी आत्मा की मौजूदगी से अनजान रहता ... Read more »

बाइबल के प्रासंगिक पद:

"परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:13)।

"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है& ... Read more »


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

"परमेश्वर पर विश्वास" का अर्थ, यह विश्वास करना है कि परमेश्वर है; यह परमेश्वर पर विश्वास की सरलतम अवधारणा है। इससे बढ़कर यह बात है क ... Read more »


यांग शिन, शानडोंग प्रान्त

बैठक के बाद घर वापस लौटते वक्त, सूरज पश्चिम में डूब गया, और डूबते सूरज की आखिरी किरण दुनिया भर में फैल गई। मैं, पादरी ने जो कहा था उसके बारे में सोच रहा था: "एक बार बचाये गये, तो हम हमेशा के लिए बचाये जाते हैं, क्योंकि बाइबल कहती है, 'कि यदि तू अपने मुँह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे, और अपने मन से विश्‍वास करे कि परमेश्‍वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्‍चय उद्धार पाएगा। क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्‍वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है' (रोमियों 10:9-10)। चूँकि हम प्रभु यीशु पर विश्वास करते हैं, जब तक हम अपने दिलों में विश्वास करते हैं और उन्हें अपने मुँह से स्वीकार करते हैं, तब तक हम बचाये जाते हैं, और यदि हम एक बार बचाए जा ... Read more »


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

बाइबल की हर चीज़ परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बोले गए वचनों का लिखित दस्तावेज़ नहीं है। बाइबल सामान्यतः परमेश्वर के कार्य की पिछली दो अवस्थाओं का आलेख करती है, उसमें से एक भाग है जो पैग़म्बरों की भविष्यवाणियों का लिखित दस्ता ... Read more »


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

"पवित्र आत्मा के कार्य का अनुसरण" करने का मतलब है आज परमेश्वर की इच्छा को समझना, परमेश्वर की वर्तमान अपेक्षाओं के अनुसार कार्य करने में सक्षम होना, आज के परमेश्वर का अनुसरण और आज्ञापालन करने में सक्षम हो ... Read more »

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