परमेश्वर भिन्न-भिन्न युगों के अनुसार अपने वचन कहता है और अपना कार्य करता है, तथा भिन्न-भिन्न युगों में, वह भिन्न-भिन्न वचन कहता है। परमेश्वर नियमों से नहीं बँधता है, और एक ही कार्य को दोहराता नहीं है, और न अतीत की बातों को लेकर विषाद करता है; वह ऐसा परमेश्वर है जो सदैव नया है, कभी पुराना नहीं होता है, और वह हर दिन नये वचन बोलता है। जिस चीज का आज पालन किया जाना चाहिए उसका तुम्हें पालन करना चाहिए; यही मनुष्य की जिम्मेवारी और कर्तव्य है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि अभ्यास परमेश्वर की वर्तमान रोशनी और वास्तविक वचनों के आस-पास केन्द्रित हो। परमेश्वर नियमों का पालन नहीं करता है, और अपनी बुद्धि और सर्व-सामर्थ्य को प्रकट करने के लिए विभिन्न परिप्रेक्ष्यों से बोलने में सक्षम है। यह मायने नहीं रखता है कि वह आत्मा के परिप्रेक्ष्य से बोलता है, या मनुष्य के, या फिर किसी तीसरे व्यक्ति के परिप्रेक्ष्य से बोलता है—परमेश्वर सदै
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अब, तुम लोगों को परमेश्वर की प्रजा बनने की कोशिश करनी है, और तुम सब पूरी प्रविष्टि को सही राह पर शुरू करोगे। परमेश्वर के लोग होने का अर्थ है राज्य के युग में प्रवेश करना। आज, तुम सब आधिकारिक तौर पर राज्य के प्रशिक्षण में प्रवेश करना शुरू कर रहे हो, और तुम लोगों के भावी जीवन अब पहले की तरह सुस्त और लापरवाह नहीं रहेंगे; ऐसे जीवन परमेश्वर द्वारा अपेक्षित मानकों को प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं। अगर तुम्हें कोई अत्यावश्यकता महसूस नहीं होती है, तो यह दिखाता है कि तुम खुद को सुधारने की कोई इच्छा नहीं रखते हो, कि तुम्हारा अनुसरण उलझा हुआ और भ्रमित है, और तुम परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने में असमर्थ हो। राज्य के प्रशिक्षण में प्रवेश करने का तात्पर्य है परमेश्वर के लोगों के जीवन की शु
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परमेश्वर के समक्ष अपने आप को शांत रखना, परमेश्वर के वचन में प्रवेश करने का एक महत्वपूर्ण क़दम है, और यह एक ऐसा पाठ है जो समय की मांग है। परमेश्वर के समक्ष अपने आप को शांत रखने की प्रक्रिया में प्रवेश करने का तरीका यह है:
1. अपने मन को बाहरी चीज़ों से हटाले, परमेश्वर के समक्ष शांत रह और अपने आप को केंद्रित करके परमेश्वर से प्रार्थना कर।
2. परमेश्वर के समक्ष शांत रहकर परमेश्वर के वचनों को खा, पीऔर उनका आनंद ले।
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चैंग मोयांग ज़ेंगज़ो सिटी, हेनान प्रदेश
"जब तू अपने देह के विरूद्ध विद्रोह करता है, तो तेरे भीतर निश्चय ही एक युद्ध होगा। शैतान कोशिश करेगा और तुझे इसका अनुसरण करने के लिए बाध्य करेगा, तुझसे देह की धारणाओं का अनुसरण करवाने के लिए कोशिश करेगा और देह के हितों को बनाए रखेगा—परन्तु परमेश्वर के वचन तुझे प्रबुद्ध करेंगे और तेरे भीतर रोशनी प्रदान करेंगे, और इस समय यह तुझ पर निर्भर करता है कि तू परमेश्वर का अनुसरण करे या फिर शैतान का अनुसरण करे। परमेश्वर लोगों को कहता है कि सत्य को अभ्यास में लाओ ताकि मुख्य तौर पर अपने भीतर
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