यीशु के देहधारी होने के सत्य के अस्तित्व में आने के बाद, मनुष्य ने इस बात में विश्वास किया: वह न केवल स्वर्ग का परमेश्वर है, बल्कि वह पुत्र भी है, और यहां तक कि वह आत्मा भी है। यह पारम्परिक धारणा है जिसे मनुष्य धारण किए हुए है कि, एक ऐसा परमेश्वर है जो स्वर्ग में हैः एक त्रित्व जो पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा है, और ये सभी एक में हैं। सभी मानवों की यही धारणाएं हैं: परमेश्वर केवल एक ही परमेश्वर है, परन्तु उसके तीन भाग हैं, जिसे कष्टदायक रूप से पारंपरिक धारणा में दृढ़ता से जकड़े सभी लोग पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा मानते हैं। केवल यही तीनों संपूर्ण परमेश्वर को बनाते हैं। बिना पवित्र पिता के परमेश्वर संपूर्ण नहीं बनता है। इसी प्रकार से परमेश्वर पुत्र और पवित्र आत्मा के बिना संपूर्ण नहीं है। उनके विचार में वे यह विश्वास करते हैं कि सिर्फ पिता और सिर्फ पुत्र को ही पर ... Read more »
Category: सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन | Views: 56 | Added by: shixinshiyi1234 | Date: 2020 June 09 | Comments (0)

परमेश्वर में विश्वास रखने के लिए तुम्हें कम से कम परमेश्वर के साथ एक उचित संबंध रखने के मुद्दे का समाधान करना आवश्यक है। परमेश्वर के साथ उचित संबंध रखे बिना परमेश्वर में विश्वास रखने का महत्त्व खो जाता है। परमेश्वर के साथ उचित संबंध स्थापित करना परमेश्वर की उपस्थिति में शांत रहने वाले हृदय के साथ पूर्णतया संभव है। परमेश्वर के साथ उचित संबंध रखने का अर्थ है परमेश्वर के किसी भी कार्य पर संदेह न करने या उससे ... Read more »


परमेश्वर पर विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में, तुम को यह समझना चाहिए कि आज, इन अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य और अपने अंदर परमेश्वर की योजना के सारे कार्यों को ग्रहण करके, तुमने वास्तव में परमेश्वर के महान उत्कर्ष और उद्धार को पा लिया है। समस्त ब्रम्हांड में परमेश्वर के सारे कार्यों में इसी एक जनसमूह पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उसने अपने सभी प्रयास तुम लोगों के लिये समर्पित किये और तुम्हारे लिये सब कुछ बलिदान किया है, उस ... Read more »

अंत के दिनों में अक्सर आपदाएं आ रही हैं, हमें प्रभु का स्वागत कैसे करना चाहिए?


       हाल के वर्षों में दुनिया भर में हुई आपदाएं अधिक से अधिक गंभीर होती जा रही हैं। भूकंप, बाढ़, सूखा, जंगल की आग, अकाल और बीमारी का प्रकोप अक्सर होना और उनका व्यापक होना मनुष्य के बुरे सपने के सच होने जैसा है; दुनिया एक अस्थिर और अशांत स्थिति में है, युद्ध, हिंसक कार्य, क्षेत्रीय संघर्ष और आतंकवादी हमले अक्सर होते हैं और निरंतर बढ़ते ही जा रहे हैं।ये संकेत प्रभु की वापसी की भविष्यवाणियों को पूरा करते है: "तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे, तो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्त न होगा। क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भूकम्प होंगे। ये सब बातें पीड़ाओं ... Read more »


मैंने तुम लोगों के बीच बहुत काम किया है और, निस्संदेह, बहुत से कथन भी कहे हैं। फिर भी मुझे महसूस होता है कि मेरे वचनों और कार्य ने अंत के दिनों में मेरे कार्य के उद्देश्य को अच्छी तरह से पूरा नहीं किया है। क्योंकि, अंत के दिनों में, मेरा कार्य किसी खास व्यक्ति या खास लोगों के वास्ते नहीं है, बल्कि मेरे अन्तर्निहित स्वभाव को प्रदर्शित करने के लिए है। लेकिन, असंख्य कारणों से—कदाचित् समय की कमी या कार्य की व्यस्तता के कारण—मेरे स्वभाव ने इंसान को इस योग्य नहीं बनाया कि वह मुझे ज़रा-सा भी जान सके। इसलिए अपने कार्य में एक नया पृष्ठ खोलने के लिए, मैं अपनी एक नयी योजना की ओर, अपने अंतिम कार्य मे ... Read more »

बहुत से लोग यह विश्वास करते हैं कि बाइबल को समझना और उसकी व्याख्या करने में समर्थ होना सच्चे मार्ग की खोज करने के समान है—परन्तु वास्तव में, क्या ये चीज़ें इतनी सरल हैं? बाइबल की सच्चाई को कोई नहीं जानता हैः कि यह परमेश्वर के कार्य के ऐतिहासिक अभिलेख, और परमेश्वर के कार्य के पिछले दो चरणों की गवाही से बढ़कर और कुछ नहीं है, और तुम्हें परमेश्वर के कार्य के लक्ष्यों की कोई समझ नहीं देता है। जिस किसी ने भी बाइबल को पढ़ा है वह जानता है कि यह व्यवस ... Read more »

बाइबल की हर चीज़ परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बोले गए वचनों का लिखित दस्तावेज़ नहीं है। बाइबल सामान्यतः परमेश्वर के कार्य की पिछली दो अवस्थाओं का आलेख करती है, उसमें से एक भाग है जो पैग़म्बरों की भविष्यवाणियों का लिखित दस्तावेज़ है, और एक भाग वह अनुभव और ज्ञान है, जिन्हें युगों के दौरान उन लोगों के द्वारा लिखा गया था जिन्हें परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किया गया था। मानवीय अनुभवों को मानवीय अनुमानों और ज्ञान के साथ दूषित किया गया है, ... Read more »

पहला देहधारी परमेश्वर पृथ्वी पर साढ़े तैंतीस साल रहा, फिर भी उसने अपनी सेवकाई को उन सालों में से केवल साढ़े तीन साल तक ही किया। अपना कार्य करने के दौरान और अपना कार्य आरम्भ करने से पहले, इन दोनों समयों में, वह अपनी सामान्य मानवता को धारण किए हुए था। वह अपनी साधारण मानवता में साढ़े तैंतीस साल तक रहा। पूरे साढ़े तीन साल तक उसने अपने आप को देहधारी परमेश्वर के रूप में प्रकट किया। अपनी सेवकाई का कार्य प्रारम्भ करने से पहले, अपनी दिव्यता का कोई भी चिन्ह प्रकट नहीं करते हुए, वह अपनी साधारण और सामान्य मानवता के साथ प्रकट हुआ, और यह केवल उसकी सेवकाई को औपचारिक तौर पर प्रारम्भ करने के बाद ही हुआ कि उसकी दिव्यता प्रदर् ... Read more »

तुम लोगों से परमेश्वर के वचनों से सुसज्जित होने के लिए कहा गया है, यह कहा गया है कि इस बात की परवाह किए बिना कि तुम लोगों के लिए क्या व्यवस्थित किया जाता है, सब कुछ गुप्त रूप से परमेश्वर के स्वयं के हाथों से आयोजित किया जाता है, और यह कि तुम लोगों की गंभीर प्रार्थनाओं या अनुनय-विनय की कोई आवश्यकता नहीं है—वे सब व्यर्थ हैं। परंतु वर्तमान स्थिति के संदर्भ में जो व्यवहारिक समस्याएँ तुम लोगों के सामने आ रही हैं, वे तुम लोगों के लिये ... Read more »

अंत के दिनों का कार्य, सभी को उनके स्वभाव के आधार पर पृथक करना, परमेश्वर की प्रबंधन योजना का समापन करना है, क्योंकि समय निकट है और परमेश्वर का दिन आ गया है। परमेश्वर उन सभी को जिन्होंने उसके राज्य में प्रवेश कर लिया है अर्थात्, वे सभी लोग जो अंत तक उसके वफादार रहे हैं, स्वयं परमेश्वर के युग में ले जाता है। हालाँकि, जब तक स्वयं परमेश्वर का युग नहीं आ जाता है तब तक परमेश्वर जो कार्य करेगा वह मनुष्य के कर्मों को देखना या मनुष्य जीवन के बारे में पूछताछ करना नहीं, बल्कि उनके विद्रोह का न्याय करना है, क्योंकि परमेश्वर उन सभी को शुद्ध करेगा जो उसके सिंहासन के सामने आते हैं। वे सभी जिन्होंने आज के दिन तक परमेश्व ... Read more »

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