हे परमेश्वर! मैं तुझसे विनती करती हूँ कि मुझ में न्याय का कार्य कर,
मुझे शुद्ध कर और बदल,
ताकि पालन करूँ और हर चीज़ में तेरी इच्छा जानूँ।
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