
धर्मोपदेश और संगति
परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों पर उसका प्रवचन हमारे लिए यह स्पष्ट रूप से देखने के लिए पूरी तरह से पर्याप्त है कि यह चरण दर चरण के आधार पर बना है, और प्रत्येक चरण घनिष्ठता से अगले से जुड़ा हुआ है। कार्य का प्रत्येक और हर एक चरण बहुत ही व्यावहारिक और उचित है, और यह कार्य के केवल तीन चरण ही हैं जो मानवजाति को बचाने का पूरा कार्य हैं, और परमेश्वर के कार्य के तीन चरण मानवजाति को बचाने के लिए उसकी प्रबंधन योजना हैं। यही कारण है कि केवल तीन चरणों को समझना ही वास्तव में परमेश्वर के कार्य
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बाइबल के प्रासंगिक पद:
"परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:13)।
"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:3)।
"मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं" (यूहन्ना 10:27)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
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आँखें मूंदकर झूठे मसीहाओं से बचते रहने से, प्रभु के प्रकटन और कार्य की जाँच-पड़ताल और तलाश करने से इंकार करके, क्या हम प्रभु का स्वागत कर सकते हैं?
बाइबल के प्रासंगिक पद:
"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:3)।
"धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्
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बाइबल के प्रासंगिक पद:
"और उसके वचन को मन में स्थिर नहीं रखते, क्योंकि जिसे उसने भेजा तुम उसका विश्वास नहीं करते। तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है; और यह वही है जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते" (यूहन्ना 5:38-40)।
"मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हे
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जब प्रभु प्रकट होंगे तो क्या यह निश्चित है कि वे धार्मिक जगत के सामने प्रकट होंगे? क्या कलीसिया में बने रहने का मतलब प्रभु का स्वागत कर पाना है?
बाइबल के प्रासंगिक पद:
"क्या यह नहीं लिखा है कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है" (मरकुस 11:17)।
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बाइबल के प्रासंगिक पद:
"माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा" (मत्ती 7:7)।
"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:7)।
"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)।
"ये वे ही हैं कि जहाँ कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं" (प्रकाशितवाक्य 14:4)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
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बाइबल के प्रासंगिक पद:
"क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से कौंध कर आकाश के दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ" (लूका 17:24-25)।
"आधी रात को धूम मची: 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो" (मत्ती 25:6)।
"देख, मैं चोर के समान आता हूँ; धन्य वह है जो जागता रहता है, और अपने वस्त्र की चौकसी करता है कि नंगा न फिरे, और लोग उसका नंगापन न देखें" (प्रकाशितवाक्य 16:15)।
"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)।
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