अंतिम दिनों में, जो कार्य परमेश्वर को करना था, उसे करने और अपने वचनों की सेवकाई करने के लिए परमेश्वर ने देहधारण किया। वह मनुष्यों के मध्य उन लोगों को सिद्ध बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य करने के लिए एक व्यक्ति के रूप में आया, जो लोग उसके हृदय के समीप थे। सृष्टि से लेकर आज तक अन्तिम दिनों में वह मात्र यह कार्य करता है। मात्र अन्तिम दिनों के दौरान ही ऐसे विशाल स्तर का कार्य करने के लिए परमेश्वर ने देहधारण किया था। यद्यपि वह ऐसी कठिनाइयों को सहन करता है, जिन्हें सहन करने में लोगों को कठिनाई होगी, यद्यपि उसमें, एक महान परमेश्वर होते हुए भी एक साधारण मनुष्य बनने की दीनता थी, उसके कार्य के किसी भी पहलू को विलम्बित नहीं किया गया है और कम से कम उसकी योजना को भ्रान्ति में नहीं डाला गया है। वह अपनी वास्तविक योजना के अनुसार ही कार्य कर रहा है। इस देहधारण के उद्देश्यों में से एक उद्देश्य लोगों क ... Read more »
Category: सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन | Views: 66 | Added by: shixinshiyi1234 | Date: 2019 August 11 | Comments (0)

परमेश्वर के वचनों की निर्लज्जतापूर्वक व्याख्या करने के योग्य होने का अर्थ यह नहीं है कि वास्तविकता पर तुम्हारा अधिकार है—बातें इतनी भी साधारण नहीं है जितनी तुम ने कल्पना की थी। वास्तविकता पर तुम्हारा अधिकार है या नहीं, यह उस बात पर आधारित नहीं है, जो तुम कहते हो, अपितु यह उस बात पर आधारित है, जो तुम जीते हो। जब परमेश्वर के वचन तुम्हारा जीवन और तुम्हारी स्वाभाविक अभिव्यक्ति बन जाती है, मात्र इसे ही वास्तविकता गिना जाता है और मात्र इसे ही तुम्हारे ज्ञान पर अधिकार रखने और तुम्हारी वास्तविक कद–काठी के रूप में गिना जाता है। तुम्हें लम्बे समय तक परीक्षा का सामना करना अनिवार्य है, और तुम्हें उस समानता ... Read more »

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