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वह स्वभाव क्या है जो राज्य के युग में परमेश्वर व्यक्त करता है?
परमेश्वर के अति-उत्कृष्ट वचन:

यद्यपि यहोवा, यीशु, और मसीहा सभी मेरे पवित्रात्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं, किंतु ये नाम मेरी प्रबन्धन योजना में केवल विभिन्न युगों के द्योतक हैं, और मेरी सम्पूर्णता में मेरा प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। ऐसे नाम जिनके द्वारा पृथ्वी के लोग मुझे पुकारते हैं मेरे सम्पूर्ण स्वभाव को और वह सब कुछ जो मैं हूँ उसे स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते हैं। वे मात्र अलग-अलग नाम हैं जिनके द्वारा विभिन्न युगों के दौरान मुझे पुकारा जाता है। और इसलिए, जब अंतिम युग—अंत के दिनों के युग—का आगमन होगा, तो मेरा नाम पुनः बदल जाएगा। मुझे यहोवा, या यीशु नहीं कहा जाएगा, मसीहा तो कदापि नहीं, बल्कि मुझे स्वयं सामर्थ्यवान सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहा जाएगा, और इस नाम के अंतर्गत मैं समस्त युग को समाप्त करूँगा। एक समय मुझे यहोवा के नाम से जाना जाता था। मुझे मसीह भी कहा जाता था, और लोगों ने एक बार मुझे उद्धारकर्त्ता यीशु कहा था क्योंकि वे मुझ से प्रेम करते थे और मेरा आदर करते थे। किन्तु आज मैं वह यहोवा और यीशु नहीं हूँ जिसे लोग बीते समयों में जानते थे—मैं वह परमेश्वर हूँ जो अंत के दिनों में वापस आ गया है, वह परमेश्वर जो युग को समाप्त करेगा। वह परमेश्वर मैं स्वयं हूँ जो अपने स्वभाव की परिपूर्णता के साथ, और अधिकार, आदर एवं महिमा से भरपूर होकर पृथ्वी के अंतिम छोर से उदय होता हूँ। लोग कभी भी मेरे साथ संलग्न नहीं हुए हैं, उन्होंने मुझे कभी जाना नहीं है, और मेरे स्वभाव के प्रति हमेशा अनभिज्ञ रहे हैं। संसार की रचना के समय से लेकर आज तक, एक मनुष्य ने भी मुझे नहीं देखा है। यह वह परमेश्वर है जो अंत के दिनों के दौरान मनुष्यों पर प्रकट होता है किन्तु वह मनुष्य के बीच में छुपा हुआ है। वह, सामर्थ्य से भरपूर और अधिकार से लबालब भरा हुआ, धधकते हुए सूरज और दहकती हुई आग के समान, सच्चे और वास्तविक रूप में, मनुष्यों के बीच निवास करता है। कोई ऐसा मनुष्य या चीज़ नहीं है जिसका न्याय मेरे वचनों के द्वारा नहीं किया जाएगा, और कोई ऐसा मनुष्य या चीज़ नहीं है जिसे आग की जलती हुई लपटों के माध्यम से शुद्ध नहीं किया जाएगा। अंततः, मेरे वचनों के कारण सारे राष्ट्र धन्य हों जाएँगे, और मेरे वचनों के कारण टुकड़े-टुकड़े भी कर दिए जाएँगे। इस तरह, अंत के दिनों के दौरान सभी लोग देखेंगे कि मैं ही वह उद्धारकर्त्ता हूँ जो वापस लौट आया है, मैं ही वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ जो समस्त मानवजाति को जीतता है, और मैं एक समय मनुष्य के लिए पाप बलि था, किन्तु अंत के दिनों में मैं सूरज की आग की ज्वाला भी बन जाता हूँ जो सभी चीज़ों को जला देती है, और साथ ही मैं धार्मिकता का सूर्य भी बन जाता हूँ जो सभी चीज़ों को प्रकट कर देता है। अंत के दिनों का मेरा कार्य ऐसा ही है। मैंने इस नाम को अपनाया है और मेरा यह स्वभाव है ताकि सभी लोग देख सकें कि मैं धर्मी परमेश्वर हूँ, और धधकता हुआ सूरज हूँ, और दहकती हुई आग हूँ। ऐसा इसलिए है ताकि सभी मेरी, एकमात्र सच्चे परमेश्वर की, आराधना कर सकें, और ताकि वे मेरे असली चेहरे को देख सकें: मैं न केवल इस्राएलियों का परमेश्वर हूँ, और न मात्र छुटकारा दिलाने वाला हूँ—मैं समस्त आकाश और पृथ्वी और महासागरों के सारे प्राणियों का परमेश्वर हूँ।

"उद्धारकर्त्ता पहले से ही एक “सफेद बादल” पर सवार होकर वापस आ चुका है" से

मेरी दया उन पर व्यक्त होती है जो मुझसे प्रेम करते हैं और अपने आपको नकारते हैं। और दुष्टों को मिला दण्ड निश्चित रूप से मेरे धार्मिक स्वभाव का प्रमाण है, और उससे भी बढ़कर, मेरे क्रोध का साक्षी है। जब आपदा आएगी, तो उन सभी पर अकाल और महामारी आ पड़ेगी जो मेरा विरोध करते हैं और वे विलाप करेंगे। जो लोग सभी तरह की दुष्टता कर चुके हैं, किन्तु जिन्होंने बहुत वर्षों तक मेरा अनुसरण किया है, वे अभियोग से नहीं बचेंगे; वे भी, ऐसी आपदा जिसके समान युगों-युगों तक कदाचित ही देखी गई होगी, में पड़ते हुए, लगातार आंतक और भय की स्थिति में जीते रहेंगे। और केवल मेरे वे अनुयायी ही जिन्होंने मेरे प्रति निष्ठा दर्शायी है मेरी सामर्थ्य का आनंद लेंगे और तालियाँ बजाएँगे। वे अवर्णनीय संतुष्टि का अनुभव करेंगे और ऐसे आनंद में रहेंगे जो मैंने पहले कभी मानवजाति को प्रदान नहीं किया है। क्योंकि मैं मनुष्यों के अच्छे कर्मों को सँजोए रखता हूँ और उनके बुरे कर्मों से घृणा करता हूँ। जबसे मैंने सबसे पहले मानवजाति की अगुवाई करनी आरंभ की, तब से मैं उत्सुकतापूर्वक मनुष्यों का ऐसे समूह की आशा करता आ रहा हूँ जो मेरे साथ एक से मन वाले हों। मैं उन लोगों को नहीं भूला हूँ जो मेरे साथ एक से मन वाले नहीं है; केवल उन्हें अपना प्रतिफल देने के अवसर की प्रतीक्षा करते हुए, जिसे देखना मुझे आनंद देगा, मैंने उन्हें अपने हृदय में घृणा के साथ धारण किया हुआ है।

"अपनी मंज़िल के लिए तुम्हें अच्छे कर्मों की पर्याप्तता की तैयारी करनी चाहिए" से

परमेश्वर बड़े लाल अजगर के सभी वंशजों से नफ़रत करता है, और वह बड़े लाल अजगर से तो और भी ज्यादा नफ़रत करता है। यह परमेश्वर के हृदय के भीतर कोप की जड़ है। ऐसा लगता है कि परमेश्वर उन सभी चीज़ों को आग और गंधक की झील में डाल देना चाहता है जो बड़े लाल अजगर से संबंधित हैं। ऐसे समय भी आते हैं जब ऐसा प्रतीत होता है कि परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से इसे मिटाने के लिए अपना हाथ बढ़ाना चाहता है—केवल यही उसके हृदय की नफ़रत को मिटा सकता है।

"तेरहवें कथन की व्याख्या" से

परमेश्वर बड़े लाल अजगर के सभी वंशजों से नफ़रत करता है, और वह बड़े लाल अजगर से और भी अधिक नफ़रत करता है। यह परमेश्वर के हृदय के भीतर कोप का मूल है। ऐसा लगता है कि परमेश्वर उन सभी चीजों को पूरी तरह से भस्म करने के लिए आग और गंध की झील में फेंक देना चाहता है जो बड़े लाल अजगर से संबंधित हैं। कई बार ऐसा भी लगता है कि परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से से मिटाने के लिए अपना हाथ बढ़ाना चाहता है—केवल

इससे ही उसके हृदय की घृणा मिट सकती है। "तेरहवाँ कथन की व्याख्या" से

मेरी धार्मिकता, प्रताप और न्याय सदा बना रहेगा। सबसे पहले, मैं प्रेममय और करुणामय था, किन्तु यह मेरी पूर्ण दिव्यता का स्वभाव नहीं है; धार्मिकता, प्रताप और न्याय बस मेरे—स्वयं परमेश्वरके—स्वभाव हैं। अनुग्रह के युग के दौरान मैं प्रेममय और करुणामय था। जिस कार्य को मुझे समाप्त करना था उसकी वजह से मुझें प्रेममयता और करुणा थी, किन्तु उसके बाद किसी भी प्रेममयता या करुणा की आवश्यकता नहीं थी (तब से कोई भी नहीं रही है)। यह सब धार्मिकता, प्रताप और न्याय है और मेरी पूर्ण दिव्यता के साथ जुड़ा यह मेरी सामान्य मानवता का पूर्ण स्वभाव है।

"आरंभ में मसीह के कथन और गवाहियाँ" से

किन्तु जब तक पुराना संसार निरन्तर बना रहता है, मैं सारे विश्व में खुले तौर पर अपनी प्रशासनिक आज्ञाओं की घोषणा करते हुए, अपने प्रचण्ड प्रकोप को इनके राष्ट्रों के ऊपर तेजी से फेंकूँगा, और जो कोई उनका उल्लंघन करता है उनको ताड़ना दूँगा:

जैसे ही मैं बोलने के लिए विश्व की तरफ अपने चेहरे को घुमाता हूँ, सारी मानवजाति मेरी आवाज़ को सुनती है, और उसके बाद उन सभी कार्यों को देखती है जिसे मैंने समूचे ब्रह्माण्ड में गढ़ा है। वे जो मेरी इच्छा के विरूद्ध जाते हैं, अर्थात्, जो मनुष्य के कार्यों से मेरा विरोध करते हैं, वे मेरी ताड़ना के अधीन नीचे गिर जाएँगे। मैं स्वर्ग के असंख्य तारों को लूँगा और उन्हें फिर से नया कर दूँगा, और मेरे कारण सूर्य और चन्द्रमा को नया बना दिया जाएगा—आकाश अब और वैसा नहीं रहेगा जैसा वह था; पृथ्वी पर बेशुमार चीज़ों को फिर से नया बना दिया जाएगा। मेरे वचनों के माध्यम से सभी पूर्ण हो जाएँगे। विश्व के भीतर अनेक राष्ट्रों को नए सिरे से विभक्त कर दिया जाएगा और मेरे राष्ट्र के द्वारा बदल दिया जाएगा, जिसकी वजह से पृथ्वी के राष्ट्र हमेशा हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएँगे और एक राष्ट्र बन जाएँगे जो मेरी आराधना करता हो; पृथ्वी के सभी राष्ट्रों को नष्ट कर दिया जाएगा, और उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। विश्व के भीतर मनुष्यों में, वे सभी जो शैतान से संबंध रखते हैं उनका सर्वनाश कर दिया जाएगा; वे सभी जो शैतान की आराधना करते हैं उन्हें जलती हुई आग के द्वारा नीचा दिखाया जाएगा—अर्थात्, उनको छोड़कर जो अभी इस धारा के अन्तर्गत हैं, बाकियों को राख में बदल दिया जाएगा।

संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन के "छब्बीसवाँ कथन" से

मैं अपना समस्त कोप दिखाने, अपनी महान सामर्थ्य दिखाने, और अपनी पूरी बुद्धि दिखाने के लिए, मुझसे जन्मे उस हर एक को ताड़ना दूँगा जो अभी तक मुझे नहीं जानता है। मुझ में सब कुछ धार्मिक है और कोई अनैतिकता, कोई छल, और कोई कुटिलता बिल्कुल भी नहीं है; जो कोई भी कुटिल और धोखेबाज है वह अवश्य नरक का पुत्र होना चाहिए—अधोलोक में पैदा हुआ होना चाहिए। मुझमें सब कुछ प्रत्यक्ष है; जो कुछ भी मैं पूरा करने के लिए कहता हूँ वह पूरा हो जाता है और जो कुछ भी मैं स्थापित करने के लिए कहता हूँ वह स्थापित हो जाता है, और कोई भी इन चीज़ों को बदल या इनका अनुकरण नहीं कर सकता है क्योंकि मैं स्वयं ही एकमात्र परमेश्वर हूँ।

"आरंभ में मसीह के कथन और गवाहियाँ" से

वे सभी जिनसे मैं प्रेम करता हूँ वे निश्चय ही अनन्त काल तक जीवित रहेंगे, और वे सभी जो मेरे विरूद्ध खड़े होते हैं उन्हें निश्चय ही मेरे द्वारा अनन्त काल तक ताड़ना दी जाएगी। क्योंकि मैं एक ईर्ष्यालु परमेश्वर हूँ, मैं उन सब के कारण जो मनुष्यों ने किया है उन्हें हल्के में नहीं छोडूँगा। मैं पूरी पृथ्वी पर निगरानी रखूँगा, और, संसार की पूर्व दिशा में धार्मिकता, प्रताप, कोप और ताड़ना के साथ प्रकट हो जाऊँगा, और मैं मानवता के असंख्य मेज़बानों पर स्वयं को प्रकट करूँगा!

संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन के "छब्बीसवाँ कथन" से

स्रोत:  सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया

अधिक परमेश्वर के वचनों को पढ़ें, और विश्वास के बारे में विभिन्न समस्याओं को हल करें।

Category: स्वर्ग के राज्य का सुसमाचार | Views: 750 | Added by: shixinshiyi1234 | Tags: राज्य का युग, परमेश्वर को जानना, परमेश्वर का स्वभाव | Rating: 0.0/0
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