1. यीशु का पहाड़ी उपदेश
धन्य वचन (मत्ती 5:3-12)
नमक और ज्योति (मत्ती 5:13-16)
व्यवस्था की शिक्षा (मत्ती 5:17-20)
क्रोध और हत्या (मत्ती 5:21-26)
व्यभिचार (मत्ती 5:27-30)
तलाक (मत्ती 5:31-32)
शपथ (मत्ती 5:33-37)
प्रतिशोध (मत्ती 5:38-42)
श
...
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