केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है

जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने जीवन की प्राणशक्ति स ... Read more »
Category: सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन | Views: 58 | Added by: shixinshiyi1234 | Date: 2020 January 25 | Comments (0)

बाइबल के विषय में (2)

बाइबल को पुराना नियम और नया नियम भी कहते हैं। क्या तुम लोग जानते हो कि "नियम" किसे संदर्भित करता है? "पुराने नियम" में "नियम" इस्राएल के लोगों के साथ बांधी गई परमेश्वर की वाचा से आता है जब उसने मिस्रियों को मार डाला था और इस्राएलियों को फिरौन से बचाया ... Read more »

कलीसिया जीवन और वास्तविक जीवन पर विचार-विमर्श

लोग महसूस करते हैं कि वे केवल अपने कलीसिया जीवन में ही परिवर्तित हो सकते हैं, और कि यदि वे कलीसिया के अंतर्गत अपने जीवन को नहीं जी रहे हैं, तो परिवर्तन संभव नहीं है, कि वे अपने वास्तविक जीवन में परिवर्तन को प्राप्त करने में असमर्थ हैं। क्या तुम लोग पहचान सकते हो कि यह कौन सी समस्या है? मैं परमेश् ... Read more »

एक लम्बे समय तक लोगों ने परमेश्वर में विश्वास किया है, फिर भी उनमें से ज्यादातर को इस "परमेश्वर" शब्द के बारे में कोई समझ नहीं है। वे केवल एक अव्यवस्था में अनुसरण करते हैं। उनके पास कोई सुराग नहीं है कि वास्तव में क्यों उन्हें परमेश्वर में विश्वास करना चाहिए या वास्तव में परमेश्वर क्या है। यदि लोग सिर्फ़ परमेश्वर पर विश्वास करना और उसका अनुसरण करना जानते हैं, परन्तु परमेश्वर क्या है इस बारे में नहीं जानते, न ही वे परमेश्वर को समझते हैं, तो क्या यह संसार में सबसे बड़ा मज़ाक नहीं है? भले ही लोगों ने अब तक बहुत से स्वर्गिक रहस्यों को देखा है और बहुत गहरे ज्ञान के बारे में सुना है, जिसे मनुष्य पहले ... Read more »

शायद परमेश्वर में आपके विश्वास की यात्रा एक या दो वर्ष से अधिक की रही हो, और शायद इन वर्षों में आपने बहुत सी कठिनाइयों को झेला हो; या शायद आप कठिनाइयों से गुज़रे ही न हों और इसके बजाय आपने अत्यधिक अनुग्रह प्राप्त किया हो। ऐसा भी हो सकता है कि आपने न तो कठिनाइयों का और न ही अनुग्रह का अनुभव किया हो, बल्कि इसके बजाए बहुत ही साधारण जीवन व्यतीत किया हो। चाहे जैसा भी हो, फिर भी आप परमेश्वर के एक अनुयायी है ... Read more »

इन दिनों परमेश्वर के कार्यों को जानना, अधिकांशतः, यह जानना है कि अंत के दिनों के देहधारी परमेश्वर की मुख्य सेवकाई क्या है और पृथ्वी पर वह क्या करने के लिए आया है। मैंने पहले अपने वचनों में उल्लेख किया था कि प्रस्थान से पहले हमारे सामने एक उदाहरण स्थापित करने के लिए परमेश्वर पृथ्वी पर (अंत के दिनों के दौरान) आया है। परमेश्वर किस प्रकार यह उदाहरण स्थापित करता है? सम्पूर्ण देशों में कार्य करने और वचनों को बोलने के द्वारा। अंत के दिनों में यही परमेश्वर का कार्य ... Read more »


मनुष्य केवल विश्वास के अनिश्चित शब्द पर बना रहता है, फिर भी मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह क्या है जो विश्वास का निर्माण करता है, और यह तो बिलकुल ही नहीं जानता है कि उसके पास विश्वास क्यों है। मनुष्य बहुत ही कम जानता है और स्वयं मनुष्य में बहुत सारी कमियाँ हैं; वह बस लापरवाही और अज्ञानता से मुझ पर विश्वास रखता है। यद्यपि वह नहीं जानता है कि विश्वास क्या है न ही वह यह जानता है कि वह क्यों मुझ पर विश्वास रखे हुए है, वह ... Read more »

एक विश्वासी के पास एक सामान्य आध्यात्मिक जीवन होना ही चाहिए—यह परमेश्वर के वचनों का अनुभव करने और वास्तविकता में प्रवेश करने का आधार है। वर्तमान समय में, सभी प्रार्थनाएं, परमेश्वर के करीब आना, गायन, स्तुति करना, ध्यान, और परमेश्वर के वचनों को समझने की कोशिश का जो अभ्यास तुम लोग कर रहे हो, क्या वह एक सामान्य आध्यात्मिक जीवन के मानकों पर खरा उतरता है? तुम लोगों में से कोई भी इस बारे में बहुत स्पष्ट नहीं है। एक सामान्य आध्यात्मिक जीवन, प्रार्थना, गीत, कलीसिया का जीवन, परमेश्वर के वचनों का खान-पान और दूसरे ऐसे ही अभ्यासों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मतलब है, एक निर्मल और जीवंत आध्यात्मिक जीवन जीना। यह तरीके के बारे ... Read more »

पतरस ने यीशु को कैसे जाना

उस समय के दौरान जो पतरस ने यीशु के साथ बिताया, उसने यीशु में अनेक प्यारे अभिलक्षणों, अनेक अनुकरणीय पहलुओं, और अनेक ऐसी चीजों को देखा जिन्होंने उसे आपूर्ति की। यद्यपि पतरस ने कई तरीकों से यीशु में परमेश्वर के अस्तित्व को देखा, और कई प्यारे गुण देखे, किन्तु पहले वह यीशु को नहीं जानता था। पतर ... Read more »

तुम लोग परमेश्वर के विश्वासी होने के मार्ग में बहुत ही थोड़ा चले हो, और तुम लोगों के लिए सही मार्ग पर प्रवेश करना अभी बाकी है, अतः तुम लोग परमेश्वर के स्तर को प्राप्त करने से अभी भी दूर हो।इस समय, तुम लोगों की क्षमता उसकी माँगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। तुम लोगोंकी योग्यता और साथ ही साथ तुम लोगों के आंतरिक भ्रष्ट स्वभाव के कारण तुम लोग हमेशा परमेश्वर के कार्य को लापरवाही के साथ देखते हो और इसे गंभीरता से नहीं लेते। यह तुम लोगों की सबसे बड़ी कमी है। इसके साथ-साथ, तुम लोग पवित्र आत्मा के मार्ग को ढूँढने में असमर्थ हो। तुम लोगों में से अधिकाँश इसे नहीं समझते और इसे स्पष्ट रूप से नहीं देख सकते। इस ... Read more »

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